बीकानेर: राज्य सरकार और सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार सुधार की बात की जा रही है, लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग में रिक्त पद इन योजनाओं की गति को धीमा कर रहे हैं. माध्यमिक शिक्षा विभाग में करीब साठ हजार पद खाली है. इससे विभाग का कार्य जल्दी नहीं हो पा रहे हैं. साथ ही शिक्षकों और कर्मचारियों के काम में भी देरी हो रही है.
विभाग में करीब 95 हजार पद स्वीकृत:
दरअसल माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में स्वीकृत और खाली पदों की संख्या जारी की गई है. जिसमें बताया गया है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में दो लाख 94 हजार 801 पद स्वीकृत है. जिनमें से करीब 60 हजार पद खाली है. शिक्षा विभाग में पद नहीं भरने से स्कूलों में अध्यापक भी कम है. कई स्कूल एक या दो शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. साथ ही स्कूलों से सरकारी योजनाओं की जानकारी भी समय पर निदेशालय व शिक्षा विभाग तक नहीं पहुंच रही है. रिक्त पदों के कारण कार्य धीमी गति से चल रहे हैं.
दरअसल माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में स्वीकृत और खाली पदों की संख्या जारी की गई है. जिसमें बताया गया है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में दो लाख 94 हजार 801 पद स्वीकृत है. जिनमें से करीब 60 हजार पद खाली है. शिक्षा विभाग में पद नहीं भरने से स्कूलों में अध्यापक भी कम है. कई स्कूल एक या दो शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. साथ ही स्कूलों से सरकारी योजनाओं की जानकारी भी समय पर निदेशालय व शिक्षा विभाग तक नहीं पहुंच रही है. रिक्त पदों के कारण कार्य धीमी गति से चल रहे हैं.
एक नजर माध्यमिक शिक्षा विभाग के रिक्त पदों पर:
—कुल रिक्त पद—करीब 60 हजार.
—चतुर्थ श्रेणी कार्मिको के रिक्त पद—करीब 18 हजार.
—एलडीसी के रिक्त पद—करीब 9 हजार.
—सेकेंड ग्रेड टीचर के रिक्त पद—करीब 9 हजार.
—लेक्चरर के रिक्त पद—करीब 7 हजार.
—कुल रिक्त पद—करीब 60 हजार.
—चतुर्थ श्रेणी कार्मिको के रिक्त पद—करीब 18 हजार.
—एलडीसी के रिक्त पद—करीब 9 हजार.
—सेकेंड ग्रेड टीचर के रिक्त पद—करीब 9 हजार.
—लेक्चरर के रिक्त पद—करीब 7 हजार.
कई भर्तियों के परिणाम आने शेष:
हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा विभागीय पदोन्नति व अनुकम्पा नियुक्ति का कार्य समय समय पर किया जा रहा है, लेकिन फिर भी रिक्त पद बड़ी समस्या बने हुए है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डिडेल कहते हैं कि कई भर्तियों के परिणाम आने शेष हैं, तो कई भर्तियां कोर्ट में अटकी हुई पड़ी है. जिस कारण पद रिक्त है. अब जरूरत इस बात है कि राज्य सरकार रिक्त पदों की मामले की गंभीरता को समझे, ताकि विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से हो सके और शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार हो.
हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा विभागीय पदोन्नति व अनुकम्पा नियुक्ति का कार्य समय समय पर किया जा रहा है, लेकिन फिर भी रिक्त पद बड़ी समस्या बने हुए है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डिडेल कहते हैं कि कई भर्तियों के परिणाम आने शेष हैं, तो कई भर्तियां कोर्ट में अटकी हुई पड़ी है. जिस कारण पद रिक्त है. अब जरूरत इस बात है कि राज्य सरकार रिक्त पदों की मामले की गंभीरता को समझे, ताकि विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से हो सके और शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार हो.
माध्यमिक शिक्षा विभाग में 60 हजार पद खाली, योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही देरी
Reviewed by Sunil Doraya
on
July 09, 2019
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