जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोद ने मीडिया से कहा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोद ने मीडिया से कहा
मैंने आज यहां पुलिस मुख्यालय में सभी जिला पुलिस अधीक्षकों-रेंज पुलिस महानिरीक्षकों के साथ बैठक की है।
• आज सभी पुलिस अधीक्षकों ने अपने-अपने जिले के बारे में बताया व जिलावार चर्चा की है। कल सभी से वन-टू-वन फीडबैक लूंगा।
• यह एक नई शुरूआत है। पहली बार पुलिस अधीक्षकों के साथ पीएचक्यू में इस तरह की बैठक हुई है।
• पहले भी कलक्टर-एसपी कांफ्रेंस होती थी लेकिन उसमें एसपी के साथ आधे दिन का ही सेशन हो पाता था। इस बैठक के मायने साफ हैं कि सरकार बेहतर पुलिसिंग और कानून-व्यवस्था में एसपी की जिम्मेदारी और जवाबदेही को लेकर गंभीर है।
• हमारी सरकार आमजन को संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह शासन देना चाहती है। पुलिस अधीक्षकों पर इसकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। सरकार की इस मंशा को थाना स्तर एवं प्रत्येक कांस्टेबल स्तर तक पहुंचाएं।
• हमारा पुरजोर प्रयास है कि राज्य में पुलिस का इकबाल बुलंद रहे और कानून का राज कायम रहे परन्तु साथ ही पुलिस का व्यवहार संवेदनशील हो। मैंने अधिकारियों से कहा है कि वे अपने मातहत अधिकारियों के व्यवहार पर नजर रखें। पब्लिक के साथ उनका व्यवहार संवेदनशील होना चाहिए।
• किसी कीमत पर प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ने देंगे। आपराधिक तत्वों को नहीं बख्शा जाएगा।
• मैंने पुलिस अधिकारियों को साफ संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही का कोई भी मामला सामने आया तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी चाहे कितना ही बड़ा अधिकारी क्यों न हो।
• अब तक देखा जा रहा था कि चाहे अच्छा अफसर हो या नाकारा, दोनों की एसीआर अच्छी ही होती थी। अब यह दयाभाव नहीं चलेगा।
• जो अधिकारी अच्छा काम करेंगे उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा और नाकारा अधिकारियों को पनिशमेंट देने से नहीं चूकेंगे।
• सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों, संगठित अपराध, साइबर क्राइम, भीड़ द्वारा कानून हाथ में लेने, नशीले पदार्थों का अवैध कारोबार, जमीन विवादों आदि मामलों पर यदि पुलिस प्रो-एक्टिव रहे तो इन घटनाओं को प्रभावी रूप से रोका जा सकता है।
• सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में ज्यादा घटनाएं नेशनल हाईवे पर हो रही हैं, जो कि सड़क निर्माण की खामियों के कारण होती हैं। मैंने बैठक में निर्देश दिए हैं कि पीडब्ल्यूडी और पुलिस अधिकारियों को साथ लेकर इसका सर्वे कराया जाए।
• हमारा प्रयास होगा कि पुलिस बिना किसी दबाव और भेदभाव के अपने काम को अंजाम दे।
• हम पुलिस को राजनीतिक दखल से भी दूर रखेंगे ताकि वे निष्पक्षता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा सकें।
• सभी एसपी को निर्देश दिए हैं कि थानों को पब्लिक फ्रेंडली बनाएं। जिन पुलिसकर्मियों का व्यवहार ठीक नहीं है, उन्हें व्यवहार सुधारने की हिदायत दें। फिर भी बदलाव नहीं आए तो कार्रवाई करें।
• इसके लिए थानों में स्वागत कक्ष बनाने की पहल की है। जहां फरियादी की बेहतर माहौल में सुनवाई हो सकेगी।
• हमने कहा है कोई भी फरियादी थाने में पहुंचता है तो उसकी एफआईआर आवश्यक रूप से दर्ज की जाए।
• थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो एसपी कार्यालय में भी एफआईआर दर्ज कराने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है।
• हमारी सरकार पुलिस को संसाधनों की कमी नहीं आने देगी।
• पुलिस के नए वाहनों के लिए 70 करोड़ रूपए का बजट दिया है।
• वर्दी भत्ता बढ़ाकर 7 हजार रूपए कर दिया है।
सभी FIR दर्ज होने से बढ़े FIR के आंकड़े लेकिन अपराध हो रहे प्रदेश में कम,5000 कॉन्स्टेबल की भर्ती की प्रक्रिया चल रही,अगले साल और हो सकते हैं 5000 कॉन्स्टेबल भर्ती,10,000 पुलिस कांस्टेबल बढ़ने से बड़ा होगा पुलिस विभाग का बेड़ा ।
• पुलिस मॉडर्नाइजेशन पर तेजी से काम चल रहा है।
• अलवर में नया पुलिस जिला बनाया है।
• महिला उत्पीड़न के प्रकरणों के त्वरित अनुसंधान के लिए सभी जिलों में पुलिस उपाधीक्षक का पद सृजित।
• जघन्य अपराधाें के त्वरित अनुसंधान के लिए जघन्य अपराध मॉनीटरिंग यूनिट।
• मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग के लिए सख्त कानून बनाया। हमारे मॉब लिचिंग कानून की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है।
• हमने पिछले कार्यकाल में सुनवाई का अधिकार और लोक सेवाओं के प्रदायगी की गारंटी अधिनियम, राजस्थान ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट बनाया था तथा स्पेशल कोर्ट एवं ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था शुरू की थी। पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए ये सभी कानून बहुत कारगर साबित होते, लेकिन दुर्भाग्य से पूर्ववर्ती सरकार ने इन कानूनों पर ध्यान नहीं दिया। हम फिर चाहेंगे कि आमजन के हित में ये कानून बेहतर ढंग से लागू हों।
• राजस्थान पुलिस की देशभर में अच्छी छवि रही है। मेरा सपना है कि राजस्थान पुलिस देश में नंबर वन हो।
5000 पुलिस की भर्ती इस साल और 5000 कि अगले साल - मुख्यमंत्री
Reviewed by Sunil Doraya
on
September 04, 2019
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