आप सबसे अब 15 सितंबर को मुलाक़ात होगी, तब तक मेसेज न करें
आज से लेकर 14 सितंबर तक आपसे टीवी पर मुलाक़ात नहीं होगी। मनीला में रहूँगा। मैगसेसे पुरस्कार के लिए जाना पड़ रहा है। 9 सितंबर को सम्मान समारोह है। आप सभी का आभार। जो बधाई दे चुके हैं उनसे निवेदन है कि फिर से बधाई न दें। जवाब देना और न देना दोनों भारी पड़
जाता है। चुपके से डिलिट करने पर मन उदास रहता है। आप जैसे सजग सतर्क पाठक और दर्शक हैं, यह इस समय की बड़ी उपलब्धि है। आप बेहद शानदार लोग हैं। उम्मीद है आप लड़ते रहेंगे और कामयाबी मिलती रहेगी।
- बिहार में मेडिकल कालेज की काउंसलिंग को लेकर विवाद है। कुछ छात्रों ने बताया कि जिनकी रैंक अच्छी है उन्हें ख़राब कालेज दिया गया है। जिनकी रैंक ख़राब है उन्हें अच्छा। इसके ख़िलाफ़ प्रमाण सहित हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस को भी लिखा है।
- उम्मीद है मेरे लौटने तक सीजीएल 2017 की परीक्षा का रिज़ल्ट आ जाएगा।
-यूपी के 69000 शिक्षकों की बहाली हो जाएगी।
- 12400 प्रति माह से 20,000 प्रति माह छात्रवृत्ति करने की माँग को लेकर ट्विटर पर आलसी आंदोलन कर रहे MTec के छात्रों को सफलता मिलेगी।
-बिहार में 36 साल से लाइब्रेरियन की बहाली नहीं हुई है। मुझे पत्र लिखने वाले अपने हालात का रोना न रोएँ। जब चुनाव होता है तब आप हिन्दू मुसलमान करते हैं। ये और बात है कि लाइब्रेरियन की बहाली होनी चाहिए।
-SSC 2017 की एक अन्य परीक्षा में स्टेनों बनने वाले परेशान हैं। ढाई साल बाद रिज़ल्ट आया है। 29 मार्च को। अगस्त के आख़िर में उनके वेरिफ़िकेशन को लेकर समस्या हो गई है। कोई जवाब नहीं दे रहा है।
-बाकी बेरोज़गार धीरज रखें। आपके लिए नौकरी नहीं है। भाषण है और राष्ट्रीय स्तर पर भव्य कार्यक्रम है। हर हफ्ते कोई नया कार्यक्रम होता है। फ़िट इंडिया के बाद चंद्रयान को लेकर प्लानिंग हो चुकी है। अगले सप्ताह किसी और मसले को साँस लेने की भी जगह नहीं मिलेगी।इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है।
- वैसे चंद्रयान की सफलता से मैं भी गौरवान्वित हूँ। यह भारत की बड़ी कामयाबी है और सबकी है तो आप सभी को बधाई। टीवी चैनल कुछ ज़्यादा करेंगे लेकिन चाँद पर उतरना न होता तो भी वे आपकी समस्या के लिए नहीं लड़ेंगे। इसलिए चंद्रयान-2 की सफलता पर गौरव करें। मैंने चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण को कवर किया था। शानदार पल था।
- चंद्रयान के बाद कोई और ईवेंट आ जाएगा।
- इस बीच मेरी किताब ‘बोलना ही है’ आ चुकी होगी। संपादक ने बताया है कि अंतिम चरण में है। एमज़ॉन पर प्री-बुकिंग हो रही है। अंग्रेज़ी वाली The Free Voice तो अब पाठकों तक पहुँच रही होगी। सूचना दीजिएगा।
बाकी हिन्दी प्रदेश का कुछ नहीं होगा। मेरे नाम से यह बात लिख कर कमरे के ड्राइंग रूम में चिपका दें। यह बात कुछ साल तक तो सौ फ़ीसदी वैलिड है। उम्मीद है वहाँ मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हज़ारों भारतीय छात्रों में से कुछ से मुलाक़ात हो सकेगी।
आप सबको प्यार। बेरोज़गारों पढ़ते रहो। हारो नहीं क्योंकि तुम हार चुके हो। अब जीतने की तैयारी करो। अच्छी शिक्षा की माँग करो। हिन्दी प्रदेश को डिटेंशन सेंटर से आज़ाद कराना है। हिन्दी के अख़बारों और चैनलों को भगाना है। उन्हीं को अच्छा अखबार और अच्छा चैनल बनाना है।
नीचे दी गई यह तस्वीर अमरीका के बॉस्टन शहर की है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पीछे बहती नदी की। उस वक्त बर्फ़ में बदल गई थी। मैं वहाँ बैठकर अपने गाँव की गंडक को याद कर रहा था। गंडक की बहुत याद आती है।
सुमेर ने इसे किताब की सूचना देने की सामग्री में इस्तमाल किया है। तस्वीर के नीचे राजकमल प्रकाशन तक पहुँचने के लिंक हैं। मुझे तो आइडिया पसंद आया।
bit.ly/bolna-hi-hai एमज़ॉन का लिंक ।
पिछले साल का ये वाला बयान आप तक पहुंच गया होगा
आज से लेकर 14 सितंबर तक आपसे टीवी पर मुलाक़ात नहीं होगी। मनीला में रहूँगा। मैगसेसे पुरस्कार के लिए जाना पड़ रहा है। 9 सितंबर को सम्मान समारोह है। आप सभी का आभार। जो बधाई दे चुके हैं उनसे निवेदन है कि फिर से बधाई न दें। जवाब देना और न देना दोनों भारी पड़
जाता है। चुपके से डिलिट करने पर मन उदास रहता है। आप जैसे सजग सतर्क पाठक और दर्शक हैं, यह इस समय की बड़ी उपलब्धि है। आप बेहद शानदार लोग हैं। उम्मीद है आप लड़ते रहेंगे और कामयाबी मिलती रहेगी।
- बिहार में मेडिकल कालेज की काउंसलिंग को लेकर विवाद है। कुछ छात्रों ने बताया कि जिनकी रैंक अच्छी है उन्हें ख़राब कालेज दिया गया है। जिनकी रैंक ख़राब है उन्हें अच्छा। इसके ख़िलाफ़ प्रमाण सहित हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस को भी लिखा है।
- उम्मीद है मेरे लौटने तक सीजीएल 2017 की परीक्षा का रिज़ल्ट आ जाएगा।
-यूपी के 69000 शिक्षकों की बहाली हो जाएगी।
- 12400 प्रति माह से 20,000 प्रति माह छात्रवृत्ति करने की माँग को लेकर ट्विटर पर आलसी आंदोलन कर रहे MTec के छात्रों को सफलता मिलेगी।
-बिहार में 36 साल से लाइब्रेरियन की बहाली नहीं हुई है। मुझे पत्र लिखने वाले अपने हालात का रोना न रोएँ। जब चुनाव होता है तब आप हिन्दू मुसलमान करते हैं। ये और बात है कि लाइब्रेरियन की बहाली होनी चाहिए।
-SSC 2017 की एक अन्य परीक्षा में स्टेनों बनने वाले परेशान हैं। ढाई साल बाद रिज़ल्ट आया है। 29 मार्च को। अगस्त के आख़िर में उनके वेरिफ़िकेशन को लेकर समस्या हो गई है। कोई जवाब नहीं दे रहा है।
-बाकी बेरोज़गार धीरज रखें। आपके लिए नौकरी नहीं है। भाषण है और राष्ट्रीय स्तर पर भव्य कार्यक्रम है। हर हफ्ते कोई नया कार्यक्रम होता है। फ़िट इंडिया के बाद चंद्रयान को लेकर प्लानिंग हो चुकी है। अगले सप्ताह किसी और मसले को साँस लेने की भी जगह नहीं मिलेगी।इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है।
- वैसे चंद्रयान की सफलता से मैं भी गौरवान्वित हूँ। यह भारत की बड़ी कामयाबी है और सबकी है तो आप सभी को बधाई। टीवी चैनल कुछ ज़्यादा करेंगे लेकिन चाँद पर उतरना न होता तो भी वे आपकी समस्या के लिए नहीं लड़ेंगे। इसलिए चंद्रयान-2 की सफलता पर गौरव करें। मैंने चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण को कवर किया था। शानदार पल था।
- चंद्रयान के बाद कोई और ईवेंट आ जाएगा।
- इस बीच मेरी किताब ‘बोलना ही है’ आ चुकी होगी। संपादक ने बताया है कि अंतिम चरण में है। एमज़ॉन पर प्री-बुकिंग हो रही है। अंग्रेज़ी वाली The Free Voice तो अब पाठकों तक पहुँच रही होगी। सूचना दीजिएगा।
बाकी हिन्दी प्रदेश का कुछ नहीं होगा। मेरे नाम से यह बात लिख कर कमरे के ड्राइंग रूम में चिपका दें। यह बात कुछ साल तक तो सौ फ़ीसदी वैलिड है। उम्मीद है वहाँ मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हज़ारों भारतीय छात्रों में से कुछ से मुलाक़ात हो सकेगी।
आप सबको प्यार। बेरोज़गारों पढ़ते रहो। हारो नहीं क्योंकि तुम हार चुके हो। अब जीतने की तैयारी करो। अच्छी शिक्षा की माँग करो। हिन्दी प्रदेश को डिटेंशन सेंटर से आज़ाद कराना है। हिन्दी के अख़बारों और चैनलों को भगाना है। उन्हीं को अच्छा अखबार और अच्छा चैनल बनाना है।
नीचे दी गई यह तस्वीर अमरीका के बॉस्टन शहर की है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पीछे बहती नदी की। उस वक्त बर्फ़ में बदल गई थी। मैं वहाँ बैठकर अपने गाँव की गंडक को याद कर रहा था। गंडक की बहुत याद आती है।
सुमेर ने इसे किताब की सूचना देने की सामग्री में इस्तमाल किया है। तस्वीर के नीचे राजकमल प्रकाशन तक पहुँचने के लिंक हैं। मुझे तो आइडिया पसंद आया।
bit.ly/bolna-hi-hai एमज़ॉन का लिंक ।
पिछले साल का ये वाला बयान आप तक पहुंच गया होगा
बेरोज़गारों पढ़ते रहो। हारो नहीं क्योंकि तुम हार चुके हो- रविश कुमार
Reviewed by Sunil Doraya
on
September 02, 2019
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