जयपुर: प्रदेश में एलडीसी इतिहास की सबसे बड़ी भर्ती की विज्ञप्ति 18 अप्रैल 2018 को जारी की गई. 14 फरवरी 2020 को भर्ती नियुक्ति का अंतिम परिणाम जारी किया गया लेकिन इन दो सालों में इस भर्ती से अनेक विवाद जुड़े रहे.
नियुक्ति परिणाम जारी होने के बाद भी ये विवाद लगातार जारी है. 14 फरवरी को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने अंतिम परिणाम तो निकाला लेकिन बोर्ड के बदले नियम हजारों बेरोजगारों पर भारी पड़ गए हैं. इसके चलते करीब 1500 चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो चुके हैं.
कुल 12,906 पदों पर निकाली गई कनिष्ठ सहायक लिपिक ग्रेड द्वितीय सीधी भर्ती 1 साल और 10 महीने में पूरी हुई लेकिन इस भर्ती से हमेशा कोई न कोई विवाद जुड़ा रहा. अब अंतिम परिणाम जारी होने के बाद भी विवाद इस भर्ती का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं. 14 फरवरी को अंतिम परिणाम जारी होने के साथ ही अब नया विवाद भर्ती से जुड़ गया है.
मुख्य बिंदु
- 14 अप्रैल 2018 को निकाली गई थी एलडीसी भर्ती विज्ञप्ति
- शुरूआत में 11 हजार 255 पदों पर निकाली गई थी भर्ती
- 1 मार्च 2019 को संशोधित विज्ञप्ति में पदों की संख्या की 12 हजार 456
- गुर्जर आरक्षण के बाद एमबीसी के जोड़े गए 4 फीसदी पद
- इसके बाद पदों की संख्या को बढ़ाकर कर दिया गया 12906 पद
- 12 हजार 906 पदों के अनुसार तीन गुना अभ्यर्थी टाइपिंग के लिए हुए चयनित
- इन्हीं में से दस्तावेज सत्यापन के लिए डेढ़ गुना अभ्यर्थियों का हुआ चयन
- 23 दिसम्बर से 7 फरवरी और 13 फरवरी तक हुआ दस्तावेज सत्यापन
- 14 फरवरी को बोर्ड की ओर से जारी किया गया अंतिम परिणाम
एलडीसी भर्ती को लेकर 13 फरवरी तक दस्तावेज सत्यापन किया गया और बोर्ड की ओर से 14 फरवरी को अंतिम परिणाम जारी किया गया लेकिन ये अंतिम परिणाम 11 हजार 322 पदों पर ही जारी किया.
टीएसपी क्षेत्र के लिए कम रहे करीब 600 अभ्यर्थी
दस्तावेज सत्यापन में 326 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे तो वहीं 132 लोगों के दस्तावेजों में कमी होने के चलते बाहर हो गए. इसके साथ ही टीएसपी क्षेत्र के लिए करीब 600 अभ्यर्थी कम रहे, जिसके बाद अंतिम परिणाम में इन पदों की संख्या कुल 12 हजार 419 मानी गई. इसके साथ ही बोर्ड की ओर से 487 पदों पर अंतिम परिणाम जारी नहीं किया गया, जिसका बोर्ड अभी तक कोई जवाब नहीं दे रहा है.
15 सौ से ज्यादा चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर
भर्ती में करीब 487 पद कम होने साथ ही करीब एक हजार पदों पर योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने से करीब 15 सौ से ज्यादा चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो चुके हैं और ये अभ्यर्थी अब दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं. आधा या एक फीसदी अंक से नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हुए चयनित अभ्यर्थी अब बोर्ड और प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं.
नियुक्ति परिणाम जारी होने के बाद भी ये विवाद लगातार जारी है. 14 फरवरी को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने अंतिम परिणाम तो निकाला लेकिन बोर्ड के बदले नियम हजारों बेरोजगारों पर भारी पड़ गए हैं. इसके चलते करीब 1500 चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो चुके हैं.
कुल 12,906 पदों पर निकाली गई कनिष्ठ सहायक लिपिक ग्रेड द्वितीय सीधी भर्ती 1 साल और 10 महीने में पूरी हुई लेकिन इस भर्ती से हमेशा कोई न कोई विवाद जुड़ा रहा. अब अंतिम परिणाम जारी होने के बाद भी विवाद इस भर्ती का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं. 14 फरवरी को अंतिम परिणाम जारी होने के साथ ही अब नया विवाद भर्ती से जुड़ गया है.
मुख्य बिंदु
- 14 अप्रैल 2018 को निकाली गई थी एलडीसी भर्ती विज्ञप्ति
- शुरूआत में 11 हजार 255 पदों पर निकाली गई थी भर्ती
- 1 मार्च 2019 को संशोधित विज्ञप्ति में पदों की संख्या की 12 हजार 456
- गुर्जर आरक्षण के बाद एमबीसी के जोड़े गए 4 फीसदी पद
- इसके बाद पदों की संख्या को बढ़ाकर कर दिया गया 12906 पद
- 12 हजार 906 पदों के अनुसार तीन गुना अभ्यर्थी टाइपिंग के लिए हुए चयनित
- इन्हीं में से दस्तावेज सत्यापन के लिए डेढ़ गुना अभ्यर्थियों का हुआ चयन
- 23 दिसम्बर से 7 फरवरी और 13 फरवरी तक हुआ दस्तावेज सत्यापन
- 14 फरवरी को बोर्ड की ओर से जारी किया गया अंतिम परिणाम
एलडीसी भर्ती को लेकर 13 फरवरी तक दस्तावेज सत्यापन किया गया और बोर्ड की ओर से 14 फरवरी को अंतिम परिणाम जारी किया गया लेकिन ये अंतिम परिणाम 11 हजार 322 पदों पर ही जारी किया.
टीएसपी क्षेत्र के लिए कम रहे करीब 600 अभ्यर्थी
दस्तावेज सत्यापन में 326 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे तो वहीं 132 लोगों के दस्तावेजों में कमी होने के चलते बाहर हो गए. इसके साथ ही टीएसपी क्षेत्र के लिए करीब 600 अभ्यर्थी कम रहे, जिसके बाद अंतिम परिणाम में इन पदों की संख्या कुल 12 हजार 419 मानी गई. इसके साथ ही बोर्ड की ओर से 487 पदों पर अंतिम परिणाम जारी नहीं किया गया, जिसका बोर्ड अभी तक कोई जवाब नहीं दे रहा है.
15 सौ से ज्यादा चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर
भर्ती में करीब 487 पद कम होने साथ ही करीब एक हजार पदों पर योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने से करीब 15 सौ से ज्यादा चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो चुके हैं और ये अभ्यर्थी अब दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं. आधा या एक फीसदी अंक से नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हुए चयनित अभ्यर्थी अब बोर्ड और प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं.
जयपुर: LDC भर्ती 2018 का अंतिम परिणाम जारी, 1500 चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति से बाहर!
Reviewed by Sunil Doraya
on
February 23, 2020
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